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श्रीलंका में आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारत ने उठाया बड़ा कदम, हेल्थकेयर फील्ड हॉस्पिटल बनाया

नई दिल्ली। श्रीलंका में तूफान दितवाह की वजह से भारी तबाही मची है। ऐसे में भारत अपने पड़ोसी मुल्क की मदद के लिए लगातार साथ खड़ा है। भारत लोगो...


नई दिल्ली। श्रीलंका में तूफान दितवाह की वजह से भारी तबाही मची है। ऐसे में भारत अपने पड़ोसी मुल्क की मदद के लिए लगातार साथ खड़ा है। भारत लोगों को हेल्थकेयर सपोर्ट देने के लिए भारत एक फील्ड हॉस्पिटल बना रहा है।

श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने बुधवार को जानकारी दी है। श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत श्रीलंका में जरूरी और तेजी से तैनात होने वाला एक फील्ड हॉस्पिटल ला रहा है, जिसमें 70 लोग होंगे। यह आपदा से प्रभावित इलाकों में हेल्थकेयर सपोर्ट देगा। तैनात होने पर ये हॉस्पिटल कैसे दिखेंगे, इसकी स्टॉक तस्वीरें देखें।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के हवाले से बताया कि बुधवार को श्रीलंका में दितवाह की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 474 हो गई है। डीएमसी ने बताया कि 356 लोग अभी लापता हैं, जबकि देशभर में 448,817 परिवारों के 1.58 मिलियन से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 971 घर तबाह हो गए हैं और 40,000 से ज्यादा घरों को थोड़ा नुकसान हुआ है।

श्रीलंका के नेशनल बिल्डिंग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (राष्ट्रीय भवन संगठन) ने सात जिलों में 215 गंभीर लैंडस्लाइड की रिपोर्ट दी है। भूविज्ञानी (जियोलॉजिस्ट) लक्सिरी इंद्रतिसा ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद कुछ लोगों के घर खाली न करने की वजह से ज्यादा मौतें हुईं।

सिन्हुआ के अनुसार, श्रीलंका कैबिनेट ने दित्वाह से हुए भारी नुकसान के बाद देश में रिकवरी की कोशिशों में मदद के लिए एक फंड बनाने को मंजूरी दी है। फैसले के मुताबिक, “रीबिल्डिंग श्रीलंका” फंड को राष्ट्रपति भवन सचिवालय के तहत एक कानूनी संस्था के तौर पर बनाया जाएगा। इसकी मैनेजमेंट कमेटी में सीनियर सरकारी अधिकारी और प्राइवेट सेक्टर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इसके अलावा श्रमिक मंत्री और वित्त और प्लानिंग के उपमंत्री अनिल जयंता फर्नांडो को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। कमेटी को फंड के ऑपरेशन्स को मैनेज करने, रिकवरी की जरूरतों का अंदाजा लगाने, प्रायोरिटी तय करने, रिसोर्स देने और अप्रूव की गई योजनाओं के लिए फंड बांटने का अधिकार होगा। यह मैनेजमेंट और ऑडिटिंग समेत सभी वित्तीय प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। 

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