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दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का क्रियान्वयन जल्द शुरू होने से किसानों को होगा फायदा : शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रध...


नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन जल्द शुरू होने से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ से जुड़ी एक उच्चस्तरीय बैठक की। केंद्रीय मंत्री चौहान ने बैठक में इन योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए निर्देश जारी किए।

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के अनुसार, बैठक में बताया गया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर जिलेवार क्लस्टर बनाकर काम किया जाएगा, जिसे लेकर राज्यों से क्लस्टर निर्माण के लिए सहयोग लिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री चौहान ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए इस मिशन से जुड़े राज्यों से जुड़े नोडल अधिकारियों के साथ भी एक बैठक आयोजित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया, जिससे कि मिशन को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।

ज्ञात हो, बीते 11 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया था। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को देश के 100 आकांक्षी जिलों में कृषि उत्थान के लिए 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को कॉर्डिनेट करते लॉन्च किया गया है।

इससे पहले 16 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी थी। वित्त वर्ष 2025-26 से ये योजनाएं छह वर्ष की अवधि के लिए चलाई जाएगी। इसका वार्षिक परिव्यय 24,000 करोड़ रुपए है। वहीं, ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा।

इस मिशन से 2030-31 तक दलहन क्षेत्रफल को 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर तक विस्तृत करने, उत्पादन को 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन तक बढ़ाने और उत्पादकता को 1130 किलोग्राम/हेक्टेयर तक बढ़ाने की उम्मीद है। उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ यह मिशन बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी करेगा।






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