Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

छत्तीसगढ़ में फार्मा हब की मांग, CSIDC को सौंपा गया विस्तृत ज्ञापन

  रायपुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ में फार्मेसी क्षेत्र में अध्ययनरत 25,000 से अधिक विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य, स्थानीय रोजगार और औद्योगिक...

 


रायपुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ में फार्मेसी क्षेत्र में अध्ययनरत 25,000 से अधिक विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य, स्थानीय रोजगार और औद्योगिक विस्तार की संभावनाओं को लेकर आज CSIDC (छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के अध्यक्ष को एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टिकोण वाला ज्ञापन सौंपा गया।


यह ज्ञापन फार्मा विजन और विद्यार्थी परिषद के संयुक्त तत्वाधान में प्रस्तुत किया गया, जिसमें फार्मा एक्टिविस्ट योगेश साहू, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय सह संयोजक (फार्मा विजन) एवं वर्तमान प्रांत कार्यसमिति सदस्य की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष से विस्तृत चर्चा की।

ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं को स्पष्ट किया गया:

स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) की मांग —

छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के लिए एक समर्पित SEZ स्थापित किया जाए, जिससे राज्य में निवेश आकर्षित किया जा सके।

 अटल इनक्यूबेशन सेंटर, बायोटेक हब, फार्मा स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन —

छत्तीसगढ़ को "फार्मा स्टार्टअप इकोसिस्टम" के रूप में विकसित किया जाए, जिससे R&D, बायोटेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले।

अन्य राज्यों की अग्रणी फार्मा कंपनियों को आकर्षित करने की नीति —

गुजरात, अहमदाबाद, हैदराबाद आदि राज्यों की कंपनियों जैसे Zydus, Cipla, Sun Pharma, Dr. Reddy’s आदि को छत्तीसगढ़ में प्लांट स्थापित करने हेतु सरलीकृत भूमि नीति, टैक्स इंसेंटिव, एकल खिड़की योजना, सस्ती बिजली-जल दरें जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

फार्मा सिस्टम और केंद्र की फार्मा नीति के अनुरूप राज्य नीति का निर्माण —

ज्ञापन में यह सुझाव भी दिया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार को केंद्र की Pharma Promotion Policy और Production Linked Incentive Scheme से समन्वय बनाते हुए राज्य स्तरीय फार्मा नीति तैयार करनी चाहिए।

स्थानीय फार्मेसी विद्यार्थियों के लिए रोजगार का सृजन —

यदि यह योजना लागू होती है, तो न केवल प्रदेश के हजारों छात्रों को रोजगार मिलेगा, बल्कि फार्मेसी छत्तीसगढ़ में एक ग्रोइंग सेक्टर बनकर उभरेगा, जिससे पलायन भी रुकेगा।

औद्योगिक संवाद और कंपनी अप्रोच मैकेनिज्म की मांग —

ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि CSIDC और उद्योग विभाग फार्मा कंपनियों के सीईओ, प्रबंधन प्रमुखों से रोड शो, निवेश सम्मेलन या प्रत्यक्ष संवाद के ज़रिए संपर्क स्थापित करे और उन्हें आमंत्रित करे।


विद्यार्थियों का आह्वान —

फार्मेसी छात्र समुदाय इस नीति को लेकर उत्साहित है और चाहते हैं कि सरकार इस दिशा में शीघ्र कार्य प्रारंभ करे ताकि छत्तीसगढ़ फार्मा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बने।

फार्मा एक्टिविस्ट योगेश साहू ने कहा यदि प्रदेश में फार्मा इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जाए, तो न केवल युवाओं को सम्मानजनक आजीविका मिलेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ देश का फार्मा निर्माण एवं अनुसंधान का केंद्र बन सकता है। राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (CSIDC) के अध्यक्ष एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें राज्य में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने हेतु सशक्त नीति निर्माण और सुविधाजनक भूमि आवंटन, सब्सिडी एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट की मांग की गई है।

प्रदेश में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों का मानना है कि फार्मा सेक्टर को 'ग्रोथ सेक्टर' के रूप में चिन्हित कर, स्टार्टअप्स, रिसर्च लैब्स एवं मेडिकल मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को न्यौता देने से छत्तीसगढ़ फार्मा उत्पादन एवं नवाचार का केंद्र बन सकता है।

इसमें रायपुर के फार्मा एक्टिविस्ट तिलेश साहू,पंकज ठाकुर,प्रथम राव,आर्यन शर्मा,ललित साहू,आकाश वर्मा आदि रहे।


No comments