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कुसमुंडा खदान में 84 टन कोयले की अफरा-तफरी, चार ट्रक जब्त

कोरबा। कोरबा जिले की एसईसीएल कुसमुंडा कोयला खदान में कोयले की अफरा-तफरी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। खदान से गुपचुप तरीके से ओवरलोडेड ट्रक...

कोरबा। कोरबा जिले की एसईसीएल कुसमुंडा कोयला खदान में कोयले की अफरा-तफरी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। खदान से गुपचुप तरीके से ओवरलोडेड ट्रकों के जरिए कोयला निकालने की कोशिश की जा रही थी, जिसे समय रहते पकड़ लिया गया। पूरे मामले में चार ट्रकों से 84 टन अतिरिक्त कोयला बरामद किया गया है।

घटना देर रात की बताई जा रही है जब कोयले से लदे ट्रक खदान से बाहर निकल रहे थे। रोड सेल विभाग के अधिकारियों को शक होने पर इन ट्रकों को रोका गया और वेब्रिज में जांच कराई गई। वजन कराने पर सामने आया कि हर ट्रक में 15 से 25 टन तक अतिरिक्त कोयला लोड था।

ओवरलोड कोयले के साथ चार ट्रक पकड़े गए

जांच में सामने आया कि ट्रक क्रमांक सीजी 10 बीटी 2153, 3353, 2553 और 3453 में कुल 84 टन अतिरिक्त कोयला लोड किया गया था। खदान प्रबंधन ने इस पूरे मामले की लिखित सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद चारों ट्रकों को जब्त कर लिया गया और चालकों को हिरासत में ले लिया गया।

इस मामले में पुलिस ने मूलचंद जायसवाल, रमेश कुमार कुशवाहा, प्रवेश कुमार जायसवाल और एक अन्य ट्रक चालक के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है।

हालांकि फिलहाल खदान प्रबंधन ने वेब्रिज और सुरक्षा कर्मचारियों की भूमिका पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है, लेकिन मामले की गहराई से जांच की जा रही है क्योंकि बिना मिलीभगत के इतनी बड़ी मात्रा में ओवरलोडिंग संभव नहीं मानी जा रही।

बार-बार सामने आ रही है अफरा-तफरी की घटनाएं

बताते चलें कि कुसमुंडा खदान से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक कोयला लेकर बाहर निकलते हैं और पहले भी कोयले की चोरी व गड़बड़ी की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस खुलासे ने प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है और अन्य कर्मचारियों या अधिकारियों की संलिप्तता की कड़ी भी खंगाली जा रही है। वहीं, कुसमुंडा खदान प्रबंधन ने कहा है कि वह किसी भी दोषी को बख्शेगा नहीं।


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