नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडानी लगातार चर्चा में हैं। अमेरिकी अभियोजकों द्वारा भारत में सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्...
नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडानी लगातार चर्चा में हैं। अमेरिकी अभियोजकों द्वारा भारत में सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को लगभग 2,200 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप के बाद अडानी समूह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। जहां एक तरफ फ्रांस की प्रमुख एनर्जी कंपनी टोटल एनर्जीज ने सोमवार को कहा कि वह अडानी समूह की कंपनियों में तब तक कोई नया निवेश नहीं करेगी जब तक कि भारतीय कंपनी के संस्थापक (गौतम अडानी) को रिश्वत के आरोपों से मुक्त नहीं कर दिया जाता। वहीं, दूसरी तरफ एनआरआई निवेशक जीक्यूजी पार्टनर्स ने गौतम अडानी और अडानी समूह पर भरोसा जताया है। पिछले साल हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी में बड़ी राशि का निवेश करने वाले जीक्यूजी पार्टनर्स का कहना है कि आरोप केवल व्यक्तियों के खिलाफ है और समूह में लगाए गए निवेश में कुछ भी गलत नहीं है। जीओजी पार्टनर्स ने अडानी के स्टॉक बेचने से इनकार कर दिया है।
जीक्यूजी ने क्या कहा?
अडानी समूह की कंपनियों में 8.1 अरब डॉलर का निवेश करने वाली जीक्यूजी ने कहा, ‘‘बुनियादी रूप से कारोबार के मामले में, हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्तिगत कंपनी भविष्य के लिए अच्छी स्थिति में है।’’ जीक्यूजी ने एक नोट में कहा, ‘‘21 नवंबर तक अडानी में हमारे निवेश पर कुल मिलाकर पॉजिटिव रिटर्न मिला है।’’ इसमें कहा गया है कि रिश्वत के आरोप केवल अडानी ग्रीन एनर्जी से संबंधित हैं, अडानी की कंपनियों से नहीं। इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि आरोप गंभीर हैं, लेकिन वैश्विक कंपनियों और उनके अधिकारियों के ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण सरकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इन कार्रवाइयों और जांच को हल करने में आम तौर पर वर्षों लग जाते हैं और दंड या जुर्माना कम हो सकता है।’’ अडानी ग्रीन एनर्जी को छोड़कर जीक्यूजी को इस समय अडानी समूह की किसी अन्य कंपनी को अतिरिक्त फाइनेंस की आवश्यकता नहीं दिख रही। इसमें कहा गया है, ‘‘घरेलू बैंकों, विशेष रूप से भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अडानी समूह को कर्ज बंद करने के कोई संकेत नहीं हैं। उसका मानना है कि व्यक्तियों पर जुर्माना या प्रतिबंध लगने के बावजूद भी कंपनियां काम करना जारी रखेंगी।’’ बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद भी जीक्यूजी ने अडानी समूह पर भरोसा जताया था और जमकर निवेश किया था।
टोटलएनर्जीज की समूह में बड़ी हिस्सेदारी
बता दें कि टोटलएनर्जीज ने जनवरी, 2021 में सूचीबद्ध कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. में छोटी हिस्सेदारी हासिल की थी। कंपनी में अब उसके पास 19.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी में विकास को गति देने की अपनी रणनीति के तहत इसने नवीकरणीय संपत्तियों का संचालन करने वाले तीन संयुक्त उद्यमों (2020 में एजीईएल 23, 2023 में एआरईएल9 और 2024 में एआरईएल 64) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी हासिल की थी।
टोटलएनर्जीज की समूह में बड़ी हिस्सेदारी
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