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गुरमीत राम रहीम हत्या के केस में बरी, हाईकोर्ट ने पलटा सीबीआई कोर्ट का फैसला

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रणजीत सिंह की हत्या के केस में कोर्ट...

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रणजीत सिंह की हत्या के केस में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने चार अन्य आरोपियों को भी बरी किया है। इस हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया था। राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। 22 साल पहले 10 जुलाई 2002 को सिरसा डेरे के प्रबंधक रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच 2003 में सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत पांच लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम समेत सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपील की थी। जिस पर हाई कोर्ट की दो सदस्यीय न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति ललित बत्रा की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार किया था।

राम रहीम पर क्या लगे थे आरोप

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, 10 जुलाई 2002 को राम रहीम के कहने पर रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उसे शक था कि रणजीत के पास एक गुमनाम पत्र है, जिसके सामने आने के बाद उसकी सच्चाई उजागर हुई कि वो अपने डेरे की महिला अनुयायियों के साथ यौन शोषण करता है। सीबीआई अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि बिना किसी संदेह के यह साबित हो गया है कि राम रहीम उस पत्र के सामने आने को लेकर व्यथित महसूस कर रहा था, जिसमें उसके खिलाफ अपनी शिष्याओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे।

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