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व्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित रखने कानून बनाया जाता है : जिला न्यायाधीश

कोरबा। अनुभव भवन बालको नगर कोरबा में महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देेने के प्रयोजनार्थ आज विधिक जागरूकता श...

कोरबा। अनुभव भवन बालको नगर कोरबा में महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देेने के प्रयोजनार्थ आज विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि बालकों एवं बालिकाओं का विवाह सही उम्र में करें, नाबालिक को गाड़ी चलाने न दें, अज्ञानता वश हमारे द्वारा बच्चों को दुपहिया वाहन चलाने के लिये दे दिया जाता है, दुर्भाग्यवश दुर्घटना होने पर पीड़ित पक्षकार को घायल एवं मृत्युकारित होने पर बहुत ही अधिक मुआवजा देना पड़ जाता है। इसका हमें ध्यान रखना चाहिये। वाहन चलाते समय ड्राइविंग लायसेंस, वाहन का बीमा एवं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन होना आवयश्यक है। 

विधानसभा, संसद में व्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित कैसा रखा जावें इस संबंध में सोच विचार कर कानून बनाया जाता है। कानून व्यवस्था को बनाये रखना बहुत ही मुश्किल का कार्य है, इसके लिये हमें कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये कानून का पालन करना आवश्यक है। कानून व्यवस्था नहीं होने से आम नागरिकों के अधिकार सुरक्षित नहीं रह पायेगें। कानून हर जगह लागू होता है, बच्चे के पैदा होने से उनके लिये जन्म प्रमाण पत्र तथा किसी व्यक्ति के मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, कानून व्यक्ति को जन्म से मृत्यु उपरांत तक लागू होता है। हम अगर अपने कर्तव्य का पालन करेंगे तो किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

गरिमा शर्मा, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि नालसा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, सालसा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं डालसा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को कानूनी मदद दिलाने में सहयोग करता है। नालसा के द्वारा वर्ष में 04 बार नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, नेशनल लोक अदालत से न्यायालय के बहुत से छोटे-मोटे,राजीनामा योग्य मामले का निराकरण सुलह समझौते के माध्यम से किया जाता है। महिलाओं को उद्बोधित करते हुये कहा गया कि परिवार में छोटे- मोटे क्लेश तो होते रहते है, इन्हें अनदेखा करना चाहिये, जिससे परिवार की शांति बनी रहें। जब महिलाएं को ज्यादा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाए तभी उनको शिकायत करना चाहिये। पुलिस में एफ.आई.आर. लिखाते समय एफ.आई.आर. की निःशुल्क कापी प्राप्त करना आपका अधिकार है। 

इस अवसर पर पैरालीगल वॉलीण्टिसर्य की पी.एल.सोनी, उमा नेताम, अमित स्वर्णकार, वरिष्ठ अधिवक्ता मधु पाण्डेय एवं वरिष्ठ कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य एवं के.एन. सेठ, एस.के. सौंधिया, जे.पी. यादव, दुष्यंत शर्मा, आरती सोनी, बालको सी.एस.आर. से संजीव शुक्ला, हर्षिता सोनी उपस्थित थे।

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