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इस करवा चौथ 13 साल बाद बनने जा रहा है अद्भुत संयोग, नोट कर लें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व व्रत कथा

  हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। यह व्रत सुहागिनों के लिए बेहद खास माना गया है। इस साल करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को र...

 


हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। यह व्रत सुहागिनों के लिए बेहद खास माना गया है। इस साल करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। इस बार करवा चौथ के दिन ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है, जिसे 13 साल बाद बनने वाला एक अद्भुत संयोग माना जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ हो गई है, जो कि 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।

व्रत का महत्व-

करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्योहार माना गया है। इस दिन व्रत में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। रात को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। चंद्रमा को सुख, शांति व आयु कारक माना गया है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं।

रखा जाता है निर्जला व्रत-

मान्यता है कि करवा चौथ व्रत करने से पति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है। इस दिन कहीं-कहीं सुबह-सुबह सरगी खाने का भी विधान है। इसके बाद दोपहर को पूजा की जाती है और रात को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।

पूजन मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 4:41 AM से 5:31 PM
अभिजित मुहूर्त- 11:44 AM से 12:30 PM
विजय मुहूर्त- 2:03 PM से 2:49 PM
गोधूलि मुहूर्त- 5:42 PM से 6:06 PM
अमृत काल- 4:08 PM से 5:50 PM

पूजा विधि-

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
  • देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
  • निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  • इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
  • माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
  • चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
  • इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।

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