Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

सुसाइड लेटर में नाम होना किसी को दोषी साबित करने के लिए नही है काफी

  पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि केवल सुसाइड नोट में नाम होने को आधार बनाकर किसी को आत्महत्या के ल...

 


पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि केवल सुसाइड नोट में नाम होने को आधार बनाकर किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता।


हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में सोनीपत जिला अदालत द्वारा सुनाई गई 5 साल की सजा के आदेश को रद्द करते हुए याची को रिहा करने का आदेश दिया है।


सोनीपत निवासी रवि भारती ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जिला अदालत द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी करार देते हुए सुनाई गई 5 साल की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची ने बताया कि केवल सुसाइड नोट में नाम के आधार पर याची को सोनीपत जिला अदालत ने 2 मई 2022 को दोषी करार दे दिया। याची ने बताया कि व्यक्ति की मौत जहरीला पदार्थ पीने से हुई थी।


कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याची की अपील को मंजूर करते हुए कहा कि केवल सुसाइड नोट में नाम होने के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता। अदालत को ट्रायल पर फैसला सुनाते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि आरोपी का मृतक से रिश्ता क्या है, आत्महत्या के लिए उकसाने का कारण क्या है और क्या सुसाइड नोट में दिया कारण सच में किसी को आत्महत्या के लिए उकसा सकता है।


कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने अपील को मंजूर करते हुए याची को रिहा करने का आदेश दिया है।

No comments