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इस जिले के स्वामी आत्मानंद स्कूल में ‘‘एक युद्ध-नशे के विरुद्ध‘‘ कार्यक्रम का हुआ आयोजन

  सूरजपुर:कलेक्टर  इफ्फत आरा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में रामानुजनगर के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल म...

 


सूरजपुर:कलेक्टर  इफ्फत आरा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में रामानुजनगर के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मदनेश्वरपुर में एक युद्ध नशे के विरूद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया कि छ.ग. में केवल तीन जिले का चयन इस कार्यक्रम में लिए किया गया है जिसमें रायपुर, बिलासपुर के अलावा सूरजपुर को लिया गया है। युवाओं का नशे के प्रति बढ़ता आकर्षण एक चिन्ता का विषय है। आने वाला भविष्य इससे अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए युवाओं को चाहिए कि अपने पढ़ाई एवं कैरियर पर ध्यान दें। नशा व्यक्ति का नाश कर देता है। व्यक्ति नशे को शौक दूसरे को देखकर दोस्ती में विवाह एवं अन्य समारोह में इत्यादि में शुरु हो जाते है। युवाओं का चाहिए कि वे महापुरुषांे से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को संवारने। जो भी हमारे देश में महान व्यक्ति हुए वे कोई भी नशे के आदि नहीं थे। कम उम्र में ही विवेकानंद, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु जैसे अनगिनत अमर महापुरुष हुए, जिन्होंने हमारे लिए आर्दश प्रस्तुत किया है। हमंे ऐसे महापुरुषो की जीवनियां पढ़नी चाहिए ताकि हम भी कुछ कर सकें। एक बार नशे का लत पड़ जाये तो आर्थिक, सामाजिक जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए हमें नशे से बचना भी है। अपने घर गांव रिस्तेदारों को भी जागरुक करना है। किशोर न्याय अधिािनयम में धारा 77 और 78 में बच्चों को नशे से दूर रखने हेतु कानुन बनाया गया है। यदि कोई इसका पालन नहीं करता है, तो उसे सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने के सजा का प्रावधान है। आज हम सभी संकल्प लें कि हम नशा नहीं करेंगें। सभी बच्चों ने संकल्प लिया कि वे भविष्य में कभी भी नशा नहीं करेगें।

    कार्यक्रम में इन्द्रा चौबे महिला संरक्षण अधिकारी ने बताया कि नशे के कारण परिवार बर्बाद हो रहें हैं। महिलाओं पर घरेलु हिंसा की घटनाऐं ज्यादतर पुरुष के नशा करने के कारण हो रहे हैं। घर में लड़ाई-झगड़ा क्लेश एवं मार-पीट की घटनाऐं नशा के कारण हो रही हैं। ज्यादातर परिवार अलग भी नशे के दुष्प्रभाव के कारण हो रहें हैं। आप सभी को अपने माता-पिता को समझाना है, और खुद कभी नशा नहीं करना हैं।

    सखी वन स्टाप सेंटर की विनिता सिन्हा ने कहा कि आज गांव में कम उम्र के बच्चें कई प्रकार का नशा करने लगे हैं। बच्चियां भी नशा कर रहीं हैं। इसका कॉफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। कम उम्र में बच्चे तनाव ग्रस्त हो रहे हैं, और चिड़चिड़ापन के कारण अपना भविष्य चौपट कर ले रहे हैं। घर में किसी प्रकार के महिला उत्पीड़न पर आप टोल फ्रि नं0 181 पर फोन कर सकतें हैं।

    चाईल्ड लाईन जिला समन्वयक कार्तिक मजूमदार ने चाईल्ड हेल्प लाईन नं. 1098 के संबंध में जानकारी दी और बाल अपराधों में वृद्धि का मुख्य कारण नशे का बताया और कहा कि बड़े भी बच्चों के साथ अत्याचार या शोषण भी नशे के कारण ही हो रहे हैं। इनसे बचा जाये। कार्यक्रम में बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम भी रखा था जिसमें बच्चों ने अपने जिज्ञासा को शांत किया। उन्हें पुरुस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में संस्था प्रचार्य  यादवेन्द्र दुबे, शा0उ0मा0वि0 के प्राचार्य  शकुहन प्रसाद मिश्रा, अभिभावक समिति के अध्यक्ष  ऋषि दुबे एवं संस्था के शिक्षक-शिक्षिकाऐं उपस्थित रहे।

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