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रेडी टू ईट निर्माण की नई व्यवस्था आगामी एक अप्रैल से लागू होगी

  छत्तीसगढ़ में रेडी टू ईट पोषण आहार निर्माण और वितरण व्यवस्था के संबंध में वर्तमान में जारी व्यवस्था मार्च 2022 तक लागू रहेगी। राज्य सरकार द...

 


छत्तीसगढ़ में रेडी टू ईट पोषण आहार निर्माण और वितरण व्यवस्था के संबंध में वर्तमान में जारी व्यवस्था मार्च 2022 तक लागू रहेगी। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी की गई नई पॉलिसी का क्रियान्वयन एक फरवरी 2022 से होना था, इसे अब एक अप्रैल 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य शासन द्वारा इस नई व्यवस्था को अप्रैल 2022 से लागू करने के संबंध में 18 जनवरी 2022 को आदेश जारी किए जा चुके हैं।


छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीयकृत व्यवस्था अपनाने का निर्णय लिया गया है। इस व्यवस्था में स्वचलित मशीनों के जरिए रेडी टू ईट पोषण आहार का उत्पादन किया जाएगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत वर्तमान में अनुबंधित महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट के परिवहन एवं वितरण कार्य में सहयोग लिया जावेगा, जिससे उनके आय के साधन में निरंतरता रहेगी। नई नीति के तहत रेडी टू ईट फूड निर्माण कृषि विकास एवं कृषक कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के संयुक्त उपक्रम रायगढ़ संयंत्र द्वारा रेडी टू ईट प्रदाय किया जाएगा।


गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं फूड सेफ्टी हाईजीन निर्देश 2013 में पूरक पोषण आहार निर्माण में स्वच्छता संबंधी मानक निर्देश दिये गए हैं। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि हितग्राहियों को दिए जा रहे पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट में निर्धारित ऊर्जा, माइक्रोन्यूट्रीएंट्स (कैलोरी, प्रोटीन, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नाईसीन, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, विटामिन ए, बी12, सी एवं डी) होने के साथ वह फोटिफाईड एवं फाइन मिक्स होना चाहिए। इसके साथ ही रेडी टू ईट मानव स्पर्शरहित स्वचलित मशीन द्वारा निर्मित एवं जीरो संक्रमण रहित होना चाहिए।

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