Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

छत्तीसगढ़ ने रचा एक और कीर्तिमान,‘समावेशी विकास’ में देश के 5 बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ भी

  छत्तीसगढ़ ने देश के बड़े राज्यों के बीच एक नया कीर्तिमान बनाया है। एक सर्वे के अनुसार समावेशी विकास में देश के बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ ने प...

 


छत्तीसगढ़ ने देश के बड़े राज्यों के बीच एक नया कीर्तिमान बनाया है। एक सर्वे के अनुसार समावेशी विकास में देश के बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ ने पाँचवा स्थान हासिल किया है। इस रैंकिंग के अनुसार पहले स्थान पर आँध्रप्रदेश ने बाजी मारी है वहीं गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य छत्तीसगढ़ से काफ़ी निचले पायदान पर हैं। यह सर्वे प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के द्वारा देश के सभी राज्यों के बीच किया गया है। छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में आर्थिक अवसरों को पैदा करने के साथ- साथ समाज के सभी वर्गों के लिये विकास के समान अवसर सृजित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

ग्रामीण विकास पर आधारित योजनाओं से छत्तीसगढ़ के गांवों में तीन सालों में ही बड़ा बदलाव दिख रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया। जिसके तहत सबसे पहले किसानों का ऋण माफ किया, किसानों को इनपुट सब्सिडी के रूप में 5 हजार करोड़ की राशि दी, समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी की गयी, मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराए, जिससे किसानों, गरीब और मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रमो के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास हुए। जिसमें परंपरागत संसाधनों का बेहतर इस्तमाल सुनिष्चित किया गया। इसका परिणाम किसानों तथा ग्रामीणो की व्यक्तिगत आय वृद्धि के रूप में देखा गया।

छत्तीसगढ़ सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ा रही है। कोर सैक्टर के अलावा ग्रामोद्योग को बढ़ावा दे रही है। रोजगार के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है। कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट के काल में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही। इस दौरान आटोमोबाइल सहित सभी सैक्टरो में तेजी रही, जीएसटी संग्रहण में बढ़ोतरी तथा सर्वाधिक वनोपज की खरीदी की गयी।

No comments