Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

गोधन न्याय योजना की राशि से बच्चों की हुई पढ़ाई और बना आशियाना

   रायपुर, प्रदेश में शुरू की गई गोधन न्याय योजना गौ-पालकों, किसानों और ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया साबित हो रही है। इस आमदनी से ग...

 


 रायपुर, प्रदेश में शुरू की गई गोधन न्याय योजना गौ-पालकों, किसानों और ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया साबित हो रही है। इस आमदनी से गरीब परिवार अपने अधूरे सपनों को पूरा कर पा रहे हैं, यह बात शायद प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भली-भांति जानते थे। यह उनकी दूर-दृष्टि सोच का ही परिणाम था कि प्रदेश में गोधन न्याय योजना लागू हुई। अब इस न्याय योजना से जुड़े गौ-पालक, चरवाहा गोबर बेचकर अपनी जरूरतों का न सिर्फ सामान खरीद रहे हैं, अपितु गोबर बिक्री की राशि से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और आशियाना भी बना रहे हैं। बलौदाबाजार और महासमुंद जिले के विकास कार्यों का वर्चुअल उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब चरवाहा गंगाराम यादव, गौ-पालक दशरी यादव और किसान सुरेश नाग से गोधन न्याय योजना के संबंध में चर्चा की तो उनके कार्यों और राशि के उपयोग को लेकर खूब सराहना मिली। मुख्यमंत्री से मिली सराहना के बाद चरवाहा गंगाराम ने छत्तीसगढ़ी में दोहा सुनाकर मुख्यमंत्री की प्रशंसा की तो सुरेश नाग ने इस तरह का योजना लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।



 मुख्यमंत्री बघेल जब चरवाहा गंगा राम यादव, दशरी यादव और सुरेश नाग से रू-ब-रू हुए तो सभी ने गोधन न्याय योजना से जुड़ने के बाद उनके जीवन में आए आर्थिक बदलाव को बताया। चरवाहा गंगाराम ने बताया कि जब से गोधन न्याय योजना लागू हुई है, तब से लेकर अभी तक 511 क्विंटल गोबर बेचकर उन्हें लगभग एक लाख 2 हजार रुपए की आमदनी हुई है। इस राशि का उपयोग उन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाने और मकान बनवाने के लिए किया है। इसी तरह दशरी यादव ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभी तक 631 क्विंटल गोबर बेचकर उन्होंनेे एक लाख 26 हजार रुपए की आमदनी अर्जित की है और इस राशि का उपयोग अपनी बेटी के विवाह एवं मकान मरम्मत में किया है। मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान महासमुंद के गौ पालक किसान सुरेश नाग ने बताया कि उन्हें गोबर बेचने से 52 हजार 200 रुपए की आमदनी हुई। इस राशि से उन्होंने अपनी बेटी को बीएड पढ़ाने के लिए निजी महाविद्यालय में फीस जमा किया है। गोधन न्याय योजना से मिली राशि का उपयोग जरूरत के हिसाब से जरूरी कार्यों में किए जाने की बात चरवाहें, पशुपालकों से सुनकर मुख्यमंत्री बघेल ने जहां सभी की सराहना की, वहीं गंगाराम, दशरी यादव और सुरेश नाग ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि गोबर बेचकर इतना पैसा कमाया जा सकता है और अपने सपने पूरे किए जा सकते हैं। इस तरह की योजना शुरू कर आपने हम जैसे गरीबों का बड़ा हित किया है।

No comments