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बीजापुर मुठभेड़ में शहीद हुए अयोध्या और शामली के 'सपूत', परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

  छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अयोध्या के राजकुमार यादव शहीद हो गए हैं. राजकुमार 10 जनवरी को छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी पर ल...

 


छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अयोध्या के राजकुमार यादव शहीद हो गए हैं. राजकुमार 10 जनवरी को छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी पर लौटे थे. राजकुमार यादव सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो विंग में तैनात थे. शहीद जवान राजकुमार परिवार में सबसे बड़े थे. शहीद जवान की मां कैंसर से पीड़ित हैं, जिनका इलाज लखनऊ में चल रहा है. कल ही वो लखनऊ से डिस्चार्ज होकर घर पहुंची हैं.



शहीद के घर पहुंचे अधिकारी
जवान के शहीद होने की खबर मिलने पर पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. अयोध्या के जिलाधिकारी भी शहीद जवान के घर पहंचे. जिलाधिकारी का कहना है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से घोषित 50 लाख रुपया, परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और शहीद जवान के घर की सड़क को उनका नाम दिया जाएगा. अभी भी शहीद जवान की मां को उनकी शहादत की खबर नहीं दी गई है. मृतक राजकुमार यादव के दो बच्चे हैं. पहला बच्चा शिवम 15 वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है तो दूसरा बच्चा हिमांशु कक्षा 6 का छात्र है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.



गांव में शोक
राजकुमार यादव 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. परिवार के सबसे बड़े होने के नाते परिवारिक जिम्मेदारी उन्ही के कंधों पर थी. बचपन में ही पिता का साया उनके सिर से उठ गया था. तीन भाई और दो बहनों में सबसे बड़े राजकुमार यादव ने दो भाई और एक बहन का विवाह किया था. अभी एक बहन और एक भाई विवाह के लिए शेष हैं. छोटा भाई प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है. शहीद जवान राजकुमार यादव के 2 पुत्र हैं. शिवम 15 वर्ष हिमांशु 10 वर्ष के हैं. शहीद जवान की 2 दिन पहले पत्नी से टेलीफोन पर बात भी हुई थी. पूरे रानोपाली गांव में शोक की लहर है.



चंदौली का लाल हुआ शहीद
नक्सली हमले में चंदौली का एक लाल भी शहीद हुआ है. चंदौली के शहाबगंज थाना क्षेत्र के ठेकहां निवासी रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव कुमार सीआरपीएफ की स्पेशल कोबरा बटालियन में कमांडो थे. नक्सलियों से मुकाबला करते हुए उन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी.



परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
शहीद धर्मदेव 2013 में सीएरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनकी दो पुत्रियां हैं ज्योति 8 साल और साक्षी 2 साल. 3 भाइयो में घर्मदेव सबसे बड़े थे. धर्मदेव का छोटा भाई भी सीआरपीएफ में है. वहीं, सबसे छोटा भाई घर पर रहता है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जिला अधिकारी और एसपी सूचना के बाद गांव पहुंचे और शहीद के परिजनों से मुलाकात की. जिला अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री जी की तरफ से 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, परिवार में एक को नौकरी और शहीद के नामपर एक सड़क का नाम रखा जाएगा.

 

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