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राज्य में अब गाड़ियों का फोटो फिट्नेस क्यूआर कोड एम-वाहन ऐप से

  परिहवन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां बताया कि वाहनों की फिटनेस को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक मार्च से प्रदेश भर में एम-वाहन नामक एप शु...

 


परिहवन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां बताया कि वाहनों की फिटनेस को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक मार्च से प्रदेश भर में एम-वाहन नामक एप शुरू किया गया है। ऐप के माध्यम से रसीद में दिया क्यूआर कोड स्कैन करने से गाड़ी की समस्त जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। ऐप से फिट्नेस करने लिए गाड़ी का फोटो एम-वाहन ऐप से खींचना पड़ेगा, ऐप के द्वारा फोटो के साथ गाड़ी का लोकेशन भी दिख जाएगा। जिसे मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी देख सकेंगे।

इसके तहत फिटनेस के लिए आने वाले वाहनों का फिटनेस टेस्ट के बाद फोटो ऐप में अपलोड करनी पड़ेगी, इसलिए अब परिवहन कार्यालय आने वाले वाहनों का ही फिटनेस हो पाएगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग से मिलने वाली रसीद पर क्यूआर कोड भी शुरू किया गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करने से वाहन का पूरा खाका स्वतः मिल जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा एम-वाहन नामक ऐप की पूरे राज्य में 01 मार्च से शुरू कर दिया गया है। ज्ञात हो कि राज्य में कुल 60 लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां पंजीकृत हैं। रायपुर आरटीओ कार्यालय में परिवहन कार्यालय में एक दिन में 50 गाड़ियां तथा प्रदेश भर में कुल 800 गाड़ियां प्रतिदिन फिटनेस की जांच कराने पहुंचती हैं। वर्तमान में गाड़ियों का फिटनेस कर्मचारियों द्वारा मैन्यूअल किया जाता है।

प्रदेश में एक मार्च से एम-वाहन नामक एप के शुरू होने से फिटनेस की जांच कर रहे अधिकारी द्वारा जांच समय गाड़ी की फोटो एम-वाहन नामक ऐप से खिंचा जाएगा। एम-वाहन ऐप से फोटो खींचते ही फोटो खींचने वाले जगह का जीओ टैगिंग भी हो जाएगा और मैप में लोकेशन का कोऑर्डिनेट भी आ जाएगा। फिटनेस की जांच कर रहे अधिकारी यदि जांच केंद्र से 500 मीटर दूर हो जाएगा तो ऐप तुरंत काम करना बंद कर देगा। इससे जांच अधिकारी अब जांच के दौरान हेराफेरी नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही परिवहन विभाग को अक्सर शिकायत मिलती है कि बिना गाड़ी आए ही फिटनेस हो गया है। छोटी मालवाहक गाड़ियां बड़ा डाला बनवाकर फिटनेस करा लेती हैं। इन सब शिकायतो का अब समाधान आसानी और पारदर्शिता से हो सकेगा।

आयुक्त परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश भर के जिलों के आरटीओ को फिट्नेस के नियमो  का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि गाड़ी का फिट्नेस सहीं तरीके से होगा तो सड़क हादसे भी कम होंगे और जान-माल की हानि भी नहीं होगी। एम-वाहन एप के शुरू होने से निश्चित तौर से परिवहन विभाग द्वारा फिट्नेस प्रमाण पत्र जारी करने के कार्य प्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और सड़क सुरक्षा में बढ़ावा मिलेगा।

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