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कर्नल नरेंद्र “बुल” कुमार की बॉयोपिक उनकी अनकही कहानी पर जल्द बनेगी फिल्म

  मुंबई /स्वर्गीय कर्नल नरेंद्र “ बुल ” कुमार ( Colonel Narendra ‘Bull’ Kumar) की अनकही कहानी जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आने वाली है। बता...

 


मुंबई /स्वर्गीय कर्नल नरेंद्र बुलकुमार (Colonel Narendra ‘Bull’ Kumar) की अनकही कहानी जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आने वाली है। बता दे कि कर्नल के जीवन की कुछ अनकही बातों को उनके बॉयोपिक के जरिये मोशन पिक्चर्स के निर्माता रामोन चिब और अंकु पांडे फिल्म बनाने की तैयारी कर ली है।

फिल्म बुल’ – स्वर्गीय कर्नल नरेंद्र  बुलकुमार (Colonel Narendra ‘Bull’ Kumar) पर आधारित होगी जिसमें उनके सच्चे नेतृत्व, हिम्मत और गौरव की एक अनकही कहानी होगी । उनके सहस के बारे में कहा जाता है कि उनके सामने बड़े बड़े दिग्गज भी हथियार डाल देते थे। एक ऐसा व्यक्तित्व जोढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़-संकल्प लेकर सैन्य अधिकारी बने जिन्होंने हार मानने से हमेशा इनकार किया जो करना है सो करना हैअपने आदर्श वाक्य के साथ जीने वाले बुल कुमार सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

कर्नल नरेंद्र बुलकुमार के हठधर्मिता

उनके जीवन का एक वाकिया साल 1981 का है जब उनकी टीम ने 24,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर सबसे ऊँची चोटियों पर पहुंचने का दावा किया और वहां भारतीय तिरंगा फैराया। उन्होंने बिना किसी नक्शे या उच्च तकनीक के उपकरणों के ऐसा किया उनके जूते वाटरप्र्रोफ नहीं थे, और उनके जैकेट भी ठोस नहीं नहीं थे। वे मुश्किल दरारों को नेविगेट करने और हिमस्खलन के बीच -50 डिग्री सेल्सियस तमें आगे बढे।

बता दे कि टोहीमिशन एक आधिकारिक सैनिक ऑपरेशन नहीं था। इसका मतलब था कि अगर बुल कुमार और उनके साथी सैनिक भाई दुश्मन के हाथों में पड़ जाते, तो कोई भी उनका दावा नहीं करता।बलविंदर सिंह जांजुआ द्वारा लिखित, बुल को रामोन चिब द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो एक पूर्व-सेना अधिकारी है, जो भारतीय सेना के लोकाचार को समझते है। वह बुल कुमार के एक ही रेजिमेंट से है और कर्नल के साथ कई घंटे बिताए हैं ताकि पता चल सके कि इस असंभव मिशन को पूरा करने के लिए उन्होंने क्या किया।

फिल्म निर्माता रामोन चिब ने कहा, “हम वीरता और सच्ची नेतृत्व की इस बेहद अद्भुत कहानी को जल्द ही पर्दे पर लाने के लिए एक टीम के रूप में आगे बढ़े हैं। हम स्वर्गीय कर्नल नरेंद्र (Colonel Narendra ‘Bull’ Kumar) “बुलकुमार के परिवार के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने हम पर विश्वास किया और हमें अनुमति दिया सेल्युलाइड के लिए अपनी गहरी प्रेरणादायक कहानी को फिर से लिखने की और हमें हमेशा के लिए एक फिल्म रील में उनके जीवन की स्मृति में अपने हिस्सेदारी का अवसर और जिम्मेदारी निभाने के लिए।

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