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राज्य महिला आयोग के नोटिस पर संबंधित व्यक्ति अनिवार्य रूप से उपस्थित हो: अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक

  रायपुर , 05 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में डॉ. किरणमयी नायक के नेतृत्व में शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। किरणमयी न...


 


रायपुर, 05 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में डॉ. किरणमयी नायक के नेतृत्व में शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। किरणमयी नायक ने बुधवार को कांकेर में जिले के 08 प्रकरणों की सुनवाई की। आयोग द्वारा संबंधितों को नोटिस जारी करने के बाद भी सुनवाई में उपस्थित नही होने पर उनके द्वारा गंभीर नाराजगी व्यक्त की गई तथा उन्होंने संबंधितों को निर्धारित तिथि में उपास्थित होकर प्रकरण को निराकृत करने कहा।


       
दहेज प्रताड़ना के एक मामले में अनावेदक जानबूझकर आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे थे, महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अनावेदकगणों की उपस्थिति सुनिश्चित करवाई। आवेदिका की शिकायत पर अनावेदकगणों को सुनकर यह निर्णय दिया गया कि आवेदिका का दहेज में मिला हुआ सारा सामान वापस करें। एक उल्लेखनीय प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनके नाम से महिला आयोग में फर्जी शिकायत की गई है, लेकिन शिकायत में जो मोबाइल नंबर दिया गया गया है वह उनका ही है और यह मोबाईल नंबर एक साल से बंद है। आयोग ने संपूर्ण प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए झूठी शिकायत करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए थाना प्रभारी को निर्देशित किया। 


       
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के द्वारा शारीरिक शोषण की शिकायत की गई थी जिस पर आयोग से नोटिस मिलने के पश्चात आरोपी के विरुद्ध जुर्म पंजीबद्ध किया गया, इसके अतिरिक्त शिकायतकर्ता के द्वारा माननीय आयोग के समक्ष यह निवेदन किया गया कि उसकी शिकायत में कुछ अंश जानबूझकर छोड़ दिए गए हैं, जिसको आयोग ने गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि उक्त संबंध में आवेदन लिया जाकर शिकायत में छूटे हुए अंश को जोड़ा जावे, जिससे शिकायतकर्ता को न्याय मिल सके।


         
इसके अलावा अन्य प्रकरण में आवेदिका सीआरपीएफ सैनिक की पत्नी को गांव वालों के द्वारा उनके अनुपस्थिति में प्रताड़ित किया गया था। आवेदिका की शिकायत पर अनावेदकगणों को बुलाया जा कर संपूर्ण प्रकरण को गंभीरता से सुना गया। इसके बाद आयोग ने सैनिक की पत्नी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसकी सामाजिक अवहेलना पर अनावेदकगणों को फटकार लगाते हुए भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराने का निर्देश दिया। प्रकरण सुनवाई में शासकीय अधिवक्ता, विधि सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पुलिस और महिला बाल विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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